Tuesday, February 23, 2010

महात्माओं का चरित्र भिन्न होता है - चाणक्य




महात्माओं
का चरित्र भिन्न होता है,

वे धन-दौलत को तिनके के समान समझते हैं

किन्तु
इसके प्राप्त हो जाने पर

बोझ
से झुक जाते हैं

-
चाणक्य














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1 comment:

  1. अलबेला खत्री,
    मैं हैप्पी अत्री,

    देख झुका महात्मा को
    आनंदित हुआ

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