skip to main
|
skip to sidebar
Tuesday, February 23, 2010
महात्माओं का चरित्र भिन्न होता है - चाणक्य
महात्माओं
का
चरित्र
भिन्न
होता
है
,
वे
धन
-
दौलत
को
तिनके
के
समान
समझते
हैं
किन्तु
इसके
प्राप्त
हो
जाने
पर
बोझ
से
झुक
जाते
हैं
-
चाणक्य
www.albelakhatri.
com
1 comment:
Kulwant Happy
February 23, 2010 at 9:51 AM
अलबेला खत्री,
मैं हैप्पी अत्री,
देख झुका महात्मा को
आनंदित हुआ
Reply
Delete
Replies
Reply
Add comment
Load more...
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
Followers
Blog Archive
▼
2010
(17)
►
March
(1)
▼
February
(15)
महात्माओं का चरित्र भिन्न होता है - चाणक्य
गौरव गरवी गुजरात का .....अपने स्वर्णिम गुजरात का
स्वर्णिम गुज़रात के गौरव पुरूष जादूगर के लाल के सा...
स्वर्णिम गुजरात की सिल्क सिटी सूरत में विश्वगुरु...
ज़िन्दादिल लोगों की बस्ती अपना अहमदाबाद
डरा है न डरेगा हमारा गुजरात, स्वर्ग सा सुरम्य है...
राजकुमार भक्कड़ ने किया अलबेला खत्री का सम्मान
स्वर्णिम गुजरात के स्वर्ण महोत्सव की सुनहरी बेल...
गुजरात न्यूज़ में हास्य कवि अलबेला खत्री का लाइ...
स्वर्णिम गुजरात के गायक अलबेला खत्री का प्रणाम -...
केशुभाई से बोले खुराना, हाय राम मोदी का है ज़माना ...
भारत में गुजरात की बात ही कुछ न्यारी है
स्वर्णिम गुजरात को समर्पित सूरत के हास्य कवि अलबे...
गुजरात में तो सौराष्ट्र है........
स्वर्णिम गुजरात वर्ष के सुनहरे अवसर पर विशेष ...
►
January
(1)
About Me
Unknown
View my complete profile
अलबेला खत्री,
ReplyDeleteमैं हैप्पी अत्री,
देख झुका महात्मा को
आनंदित हुआ