Tuesday, February 23, 2010

महात्माओं का चरित्र भिन्न होता है - चाणक्य




महात्माओं
का चरित्र भिन्न होता है,

वे धन-दौलत को तिनके के समान समझते हैं

किन्तु
इसके प्राप्त हो जाने पर

बोझ
से झुक जाते हैं

-
चाणक्य














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Sunday, February 21, 2010

गौरव गरवी गुजरात का .....अपने स्वर्णिम गुजरात का





स्वर्णिम गुजरात के अमर शहीदों को

हास्य कवि अलबेला खत्री का नमन



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Monday, February 8, 2010

ज़िन्दादिल लोगों की बस्ती अपना अहमदाबाद




मस्ती ज़िन्दाबाद

जहाँ की हस्ती ज़िन्दाबाद

ज़िन्दादिल लोगों की बस्ती

अपना अहमदाबाद




















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Sunday, February 7, 2010

डरा है न डरेगा हमारा गुजरात, स्वर्ग सा सुरम्य है हमारा गुजरात




चाहे कोई कितने सितम तोड़ ले

चाहे कोई कितने ही बम फोड़ ले

उन्नत मस्तक अब झुकेगा नहीं

प्रगति का रथ अब रुकेगा नहीं




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Saturday, February 6, 2010

राजकुमार भक्कड़ ने किया अलबेला खत्री का सम्मान






गुजरात
हिन्दी समाज अहमदाबाद द्वारा

आयोजित वार्षिक पुरस्कार एवं सम्मान समारोह में

हास्य कवि अलबेला खत्री का सम्मान करते हुए

सक्रिय समाज सेवी और हिन्दी समाज के मन्त्री

श्री राजकुमार भक्कड़















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Wednesday, February 3, 2010

केशुभाई से बोले खुराना, हाय राम मोदी का है ज़माना ...

भारत में गुजरात की बात ही कुछ न्यारी है



पत्थर
में पारस की,

पंछी में सारस की

और तिथियों में ग्यारस की बात ही कुछ न्यारी है


दुनिया में एशिया की,

एशिया में भारत की

और भारत में गुजरात की बात ही कुछ न्यारी है





Monday, February 1, 2010

स्वर्णिम गुजरात को समर्पित सूरत के हास्य कवि अलबेला खत्री का अनूठा सृजन हमारा गुजरात कार्यक्रम

गुजरात में तो सौराष्ट्र है........



यों तो अपना समूचा देश

विचित्रताओं
और विभिन्नताओं से भरा है

लेकिन कुछ बातें कमाल की हैं


जैसे पूरा भारत एक राष्ट्र है

लेकिन मज़े की बात ये है कि राष्ट्र के भीतर महाराष्ट्र है


और ये तो कुछ भी नहीं

गुजरात में तो सौराष्ट्र है ....हा हा हा हा





स्वर्णिम गुजरात वर्ष के सुनहरे अवसर पर विशेष भेन्ट




स्वर्णिम गुजरात वर्ष के सुनहरे अवसर पर

प्रदेश - देश - विदेश के समस्त गुजराती भाई-बहिनों को

हास्य कवि अलबेला खत्री की अनुपम भेन्ट